सोने की असली कीमत से ज्यादा क्यों आता है ज्वैलरी का बिल?

दैनिक किरनः सोने की ज्वैलरी का बिल अक्सर सोने की असली कीमत से ज्यादा आता है। इसका कारण यह है कि ज्वैलरी की कीमत सिर्फ सोने के रेट पर तय नहीं होती, बल्कि उसमें कई अन्य चार्ज भी शामिल किए जाते हैं।
ज्वैलरी की कीमत तय करने में ये बातें जुड़ती हैं:
सोने की मूल कीमत
डिजाइन और कारीगरी के हिसाब से 8% से 25% तक मेकिंग चार्ज
सोने की कीमत पर 3% GST
मेकिंग चार्ज पर 5% GST
करीब 45 रुपये का हॉलमार्किंग चार्ज
कई ज्वैलर्स 2% से 10% तक का वेस्टेज चार्ज भी जोड़ते हैं
इन सबको मिलाकर अंतिम बिल सोने की असली कीमत से कहीं ज्यादा हो जाता है।

🟡 ज्वैलरी बिल का उदाहरण10 ग्राम सोना – ₹6000/ग्राम)

1. सोने की मूल कीमत10 ग्राम × ₹6000 = ₹60,000

2. मेकिंग चार्ज (मान लीजिए 12%)₹60,000 × 12% = ₹7,200

3. सोने की कीमत पर 3% GST₹60,000 × 3% = ₹1,800

4. मेकिंग चार्ज पर 5% GST₹7,200 × 5% = ₹360

5. हॉलमार्किंग चार्ज= ₹45

6. वेस्टेज चार्ज (मान लीजिए 5%)₹60,000 × 5% = ₹3,000

✅ कुल ज्वैलरी कीमत= ₹60,000 + ₹7,200 + ₹1,800 + ₹360 + ₹45 + ₹3,000= ₹72,405

👉 यानी असली सोने की कीमत ₹60,000 थी, लेकिन सभी चार्ज जुड़ने के बाद बिल ₹72,405 आया।

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