संवाददाता दैनिक किरन: सिपाही भर्ती परीक्षा इस साल 17 और 18 फरवरी को आयोजित की गई थी, जिसमें 48 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए थे। आरओ-एआरओ की तरह, इस परीक्षा का पर्चा भी लीक हो गया था, जिसके कारण 24 फरवरी को यह परीक्षा निरस्त कर दी गई थी। इसकी जांच एसटीएफ को सौंपी गई थी, जिसमें मास्टरमाइंड राजीव नयन, सुभाष प्रकाश, डॉ. शरद और रवि अत्री पकड़े गए थे। इस नेटवर्क में लखनऊ, प्रयागराज, हरियाणा, रीवा और अन्य जगहों से 300 से अधिक गिरफ्तारी हुई थी। अब इस मामले की जांच ईडी कर रही है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की रडार पर पर्चा लीक के चार मास्टर माइंड राजीव नयन, सुभाष प्रकाश, रवि अत्री और डॉ. शरत के पास 100 करोड़ रुपये से अधिक की चल-जपल संपत्तियां होने का दावा किया जा रहा है। ये सारी संपत्ति विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं का पर्चा लीक कराकर अभ्यर्थियों से वसूली गई रकम से बनाई गई है। सिपाही भर्ती व आरओ-एआरओ भर्ती परीक्षा की जांच के बाद इन मास्टरमाइंड के खिलाफ दाखिल की गई चार्जशीट में एसटीएफ ने भी इनकी कई सम्पत्तियों का ब्योरा दिया है। इनके 48 बैंक खातों का पूरा डिटेल इस चार्जशीट में है।
सबसे ज्यादा रकम फ्लैट व जमीन में लगायी ईडी को पता चला है कि इन मुख्य अभियुक्तों ने कई परीक्षाओं का पर्चा लीक कराने और तीन साल पहले मेडिकल कालेजों में एडमिशन कराने के नाम पर करोड़ों रुपये वसूले। यह रकम फ्लैट व जमीन खरीदने में खपायी गई। इसके लिये बाकायदा चार्टड एकाउंटेंट से भी मदद ली जाती रही कि किस तरह से इस रकम का निवेश कहां और कैसे किया जाए, जिससे उन्हें दिक्कत न आए। इनकी अवैध कमाई का अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि राजीव ने पर्चा छापने वाली एजेंसी के कर्मचारी से कहा था कि बॉक्स से पर्चा निकाल कर पढ़ा दो, इतनी रकम देंगे जो जीवन भर कमा नहीं पाओगे।