पिता ने वर्दी टांगी,बेटे ने सपना पहना-जिम्मेदारी और परंपरा दोनों की मिसाल-

दैनिक किरनः अजय कुमार मिश्रा ने यूपीएससी परीक्षा पास कर पुलिस सेवा में कदम रखा। 2003 बैच के आईपीएस अधिकारी अजय अब 48 वर्ष के हैं। उन्होंने यूपी पुलिस में अपनी सेवा शुरू की और वर्ष 2015 में उनकी प्रतिनियुक्ति इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) में हुई। इस दौरान उन्होंने दिल्ली और श्रीनगर में अपनी सेवाएं दीं। इस वर्ष जनवरी में वे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटकर अपने मूल कैडर में वापस आए और तब से लखनऊ पुलिस मुख्यालय में पोस्टिंग की प्रतीक्षा कर रहे थे।

अब अजय कुमार मिश्रा को गाजियाबाद कमिश्नरेट का पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया है। हाल ही में योगी कैबिनेट ने तीन नए पुलिस कमिश्नरेट को मंजूरी दी थी, जिसके तहत गाजियाबाद में उनकी तैनाती की गई।

अजय कुमार मिश्रा मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के निवासी हैं। उनके पिता कुबेर नाथ मिश्रा का अधिकांश समय वाराणसी में ही बीता। अजय ने अपनी स्कूली और स्नातक शिक्षा वाराणसी में ही पूरी की। पुलिस लाइन क्वार्टर में पले-बढ़े अजय का सपना था कि वे भी वर्दी पहनें। वह कहते हैं कि बचपन से ही उन्होंने खाकी वर्दी को देखा और वही उनके लिए प्रेरणा बनी।

आईपीएस मिश्रा मानते हैं कि हमारे आसपास का माहौल हमारी सोच को गहराई से प्रभावित करता है। पुलिस सेवा को वे ‘एबिलिटी बायस’ का परिणाम मानते हैं—जो हम देखते और सुनते हैं, वही हमारे निर्णयों की दिशा तय करता है। उनके परिवार में जब एक सदस्य ने वर्दी टांगी, तो दूसरे ने उसे पहन लिया—यह जिम्मेदारी और परंपरा दोनों की मिसाल है।

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