संवाददाता दैनिक किरन: इस धरना प्रदर्शन में शामिल अधिवक्ताओं ने नए आपराधिक कानूनों के खिलाफ विरोध प्रकट किया है। उनका मुख्य आरोप है कि इन कानूनों में ऐसे प्रावधान हैं जो जनता के अधिकारों को कमजोर कर सकते हैं, जैसे कि शामिल किए गए धारा 173 उपधारा 3 नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023, जो पुलिस को एफआईआर दर्ज करने से पहले प्रारंभिक जांच के लिए तहरीर को 14 दिनों तक होल्ड रखने की अनुमति देता है।
इन अधिवक्ताओं का मानना है कि ऐसे प्रावधान जनता पर अत्याचार बढ़ा सकते हैं और त्वरित न्याय से रोक सकते हैं। वे इसे पुलिस की बेकाबू कार्रवाई और कानूनी प्रक्रिया की खतरे में आने का उदाहरण मानते हैं।
इस समस्या पर विचार करते हुए, वे न्यायिक तंत्र की सुरक्षा और समान न्याय के लिए आगाही बढ़ाने के लिए धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी तरह के अन्य प्रावधान भी जनविरोधी, गलतफहमी बढ़ाने वाले, क्रूर व पुलिस राज को बढ़ाने की दिशा में जाते हैं जिनका सेक्शन वाइज डिटेल चर्चा अपने ज्ञापन में करेंगे। इस मौके पर अधिवक्ता विनय प्रताप सिंह, राजकिशोर यादव, धर्मेंद्र सिंह, राजेंद्र सिंह यादव, आशुतोष तिवारी, राजीव कुमार, कमलेश रतन यादव, यूनियन के अध्यक्ष अरविंद कुमार राय, यशवंत सिंह राधेश्याम द्विवेदी, जितेन्द्र कुमार सिंह उर्फ जीतू यादव, अनुभव द्विवेदी,,मानस, चिरविजय आदि बड़ी संख्या में अधिवक्ता गण उपस्थित रहे।