
दैनिक किरनः उत्तर प्रदेश पुलिस को एक बार फिर नया कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मिला है। 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी राजीव कृष्ण को प्रदेश का नया कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त किया गया है। वह वर्तमान में डीजी विजिलेंस के पद पर कार्यरत हैं और साथ ही अध्यक्ष/डीजी पुलिस भर्ती व प्रोन्नति बोर्ड का अतिरिक्त कार्यभार भी संभाल रहे हैं।
राजीव कृष्ण को हाल ही में 60,244 पदों पर आयोजित प्रदेश की सबसे बड़ी सिपाही भर्ती परीक्षा को दोबारा सफलतापूर्वक व निष्पक्ष रूप से आयोजित कराने के बाद इस अहम पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा था। मूल रूप से गौतमबुद्धनगर के निवासी राजीव कृष्ण, पूर्व में एडीजी लखनऊ और आगरा जोन सहित कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
उनकी नियुक्ति से पहले कार्यवाहक डीजीपी के रूप में 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी प्रशांत कुमार कार्यरत थे, जिनका कार्यकाल 31 मई को समाप्त हो गया। प्रशांत कुमार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भरोसेमंद अधिकारियों में गिना जाता है और कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्हें जल्द ही कोई नई अहम जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
प्रदेश में भाजपा सरकार के गठन (2017) के बाद अब तक कुल नौ डीजीपी की तैनाती हो चुकी है, जिनमें से यह लगातार पांचवें कार्यवाहक डीजीपी हैं। वर्ष 2017 में सुलखान सिंह पहले डीजीपी बने थे, जिन्हें सेवा विस्तार भी मिला। उनके बाद ओपी सिंह, हितेश चंद्र अवस्थी और मुकुल गोयल पूर्णकालिक डीजीपी के रूप में कार्यरत रहे।
इसके बाद मई 2022 से कार्यवाहक डीजीपी की परंपरा शुरू हुई जब डॉ. देवेंद्र सिंह चौहान को नियुक्त किया गया। उनके बाद क्रमशः डॉ. आर.के. विश्वकर्मा (मार्च 2023), विजय कुमार (मई 2023) और प्रशांत कुमार (जनवरी 2024) कार्यवाहक डीजीपी बने।
इस बार डीजीपी चयन को लेकर काफी चर्चाएं थीं और राजीव कृष्ण को वरिष्ठता, कार्यकुशलता और हाल की भर्ती परीक्षा संचालन के चलते सबसे उपयुक्त माना गया। 1991 बैच में वह वरिष्ठता सूची में तीसरे स्थान पर हैं, जबकि पहले दो अधिकारी आलोक शर्मा और पीयूष आनंद केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं।
तीन एडीजी होंगे प्रोन्नत, जल्द होंगे नए डीजी की तैनाती
उधर, 31 मई को 1990 बैच के आईपीएस अधिकारियों—प्रशांत कुमार, पीवी रामाशास्त्री (डीजी जेल) और डॉ. संजय एम. तरडे (डीजी टेलीकॉम)—का सेवाकाल पूर्ण हो गया। अब 1 जून से 1992 बैच के एडीजी रैंक के अधिकारी आशुतोष पांडेय, आनंद स्वरूप और नीरा रावत को डीजी पद पर प्रोन्नत किया जाएगा।
इसके साथ ही डीजी स्तर के अधिकारियों में फेरबदल की संभावना है, जिसमें नए डीजी जेल और डीजी टेलीकॉम की भी नियुक्ति की जाएगी।
प्रदेश में स्थायी डीजीपी की नियुक्ति को लेकर संघ लोक सेवा आयोग को अभी तक कोई प्रस्ताव नहीं भेजा गया है, जिससे यह संकेत मिलता है कि कार्यवाहक व्यवस्था कुछ और समय तक जारी रह सकती है।