
दैनिक किरनः बाराबंकी जिले से करीब 28 किलोमीटर दूर स्थित निजामपुर गांव इन दिनों चर्चा का केंद्र बना हुआ है। कारण है—15 वर्षीय दलित बालक रामसेवक, जिसने गांव के इतिहास में पहली बार 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा पास की है। आज़ादी के बाद से अब तक इस गांव का कोई भी बच्चा 10वीं नहीं पास कर सका था।
रामसेवक की सफलता की खबर जब जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी तक पहुंची, तो उन्होंने उसे मिलने के लिए बुलाया। लेकिन रामसेवक के पास पहनने के लिए ढंग के कपड़े और जूते तक नहीं थे। इस पर उसके शिक्षकों ने उसकी मदद की और उसे तैयार किया। खास बात यह रही कि यह पहला अवसर था जब रामसेवक ने जीवन में जूते पहने।